कजरारी अँखिया
काहे लोराइल
केकर बात टीस लागल
मन में समाइल
भोरे भोरे काहे आज
मुखड़ा मलिन बा
देहिया के सुध नइखे
लागत दीनहीन बा
काहे चनरमा पे राहू
घिरी आइल
केकर बात टीस लागल
मन में समाइल
कजरारी अँखिया...
दिलवा के पीर पर
नीर जनी बहाव
हमर स्नेह के
मरहम लगाव
फेर से देखाद
आपन मुस्काइल
केकर बात टीस लागल
मन में समाइल
कजरारी अँखिया...