Sunday, October 10, 2021

घोड़ा ( बाल कविता)

 


टपटप टपटप गोड़ बजावत,

'देखऽ दउड़ल  जाला  घोड़ा।

सरपट सरपट लांघत जाता,

माटी  गिट्टी  बजरी  रोड़ा ।

लाला जी के बग्गी में जोतल,

दूनों   आँख   पट्टी  से तोपल।

भारी  भरमक  बोझ  उठवले,

दुल्की  चाल में सरकत घोड़ा।