Monday, March 21, 2016

रेकसा आगे ना टकसल




रेकसवान रहे पातर दूबर
ओपे सवारी मिलल दोहर
रेकसा आगे ना टकसल ।

सड़क किनारे छोटकी नाला
रहे छोट बाकी रहे खाला
मोहानी के माटी भसकल
रेकसा आगे ना टकसल ।


आगे चढ़ाई फ्लाईओवर के
आफत रेकसवान दोबर के
रेकसा पाछे घसकल
रेकसा आगे ना टकसल ।


खींच खांच के दायें बाएँ
सांस उखड़ल साँय साँय
ओहि ठइयाँ हैंडील मुड़कल
रेकसा आगे ना टकसल ।

ओहपे सवारी आँख देखावे
रेकसवान के दमभर गरियावे
भर सीट के अकेलहीं थसकल
रेकसा आगे ना टकसल ।

~शशि रंजन मिश्र (21 मार्च 2016)