लेबल
- कथा (7)
- कविता (8)
- फेसबुक पोस्ट (1)
- बाल kavita (1)
- भोजपुरी लेख (8)
- भोजपुरी सिनेमा (1)
- भोजपुरी सिनेमा 1960-1970 (2)
- मठाधीशी (2)
- समीक्षा (1)
Sunday, June 14, 2009
गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो (१९६२)
भोजपुरी सिनेमा के पहिलका अध्याय "गंगा मैया तोहे पियरी चढ़इबो " से शुरू भइल | विश्वनाथ शाहाबादी के के संयोजन से १९६२ में इ सिनेमा आइल | कलाकारन के बढ़िया जमावाडा रहे | बढ़िया गीत संगीत खातिर इ सिनेमा के आजो कोई जोड़ नइखे |
निर्देशन : कुंदन कुमार
गीत : शैलेन्द्र
संगीत : चित्रगुप्त
कलाकार: सुजीत कुमार, कुमकुम और नासीर हुसैन
गायक: लता मंगेशकर, उषा मंगेशकर, सुमन कल्यानपुर और मो० रफी
१ हे गंगा मैया तोहे पियरी...
२ मोरे करेजवा में पीर कैसे भइल
३ लुक छिप बदरा में चमके जइसे
४ अब ता लागल सोलवा साल
५ काहे बंसुरिया बजइलू
६ सोनवा के पिंजरा में बंद भैनिं हाय राम
Saturday, June 13, 2009
बिदेशिया (१९६३)
कलाकार : सुजीत कुमार, जीवन, शील कुमार,पद्मा खन्ना, हेलेन, कुमारी नाज़ और एस०एन० तिर्पाठी
कला/लेखन/संगीत: एस०एन० तिर्पाठी
चित्रण : रूस्सी बिल्लीमोरिया
कथा/संवाद : राम मूर्ति चतुर्वेदी
गायन: सुमन कल्यानपुर, गीता दत्त, मन्ना डे , महेंद्र कपूर और कौमुदी मजुमदार
मूल कथा: स्वर्गीय भिखारी ठाकुर
बिदेशिया भोजपुरी सिनेमा के एगो स्वर्णिम अध्याय ह | भिखारी ठाकुर के अजेय रचना के आज भी जोड़ नइखे | एह सिनेमा भोजपुरी के जवन इज्जत देलस ओइसन आज तक न भेंटाइल | कुछ गीत इ सिनेमा के बहुतकर्णप्रिय बा |
१ भेद भाव की कड़ी पुरानी, तोड़ मनुज मत कर नादानी
२ बनी जैहों बन के जोगनिया हो राम पिया के करनावा
३ डगरिया जोहात ना हो डगरिया जोहात ना
४ दिनवां गिनत मोरी घिसली उंगरिया
५ हमें दुनिया करेला बदनाम बलमुआ तोहरे बदे
६ हँसी हँसी पनवा खियवले बेईमान्वा
७ इश्क कराइ ऊ जिसकी जेब में माल बारे बालम
८ लेई बदरवा से कज़रवा
९ नीक सैयां बिन भवनवां नाही लागाई सख्यां
१० राम जान लेके हथेली पै चलबै
Friday, June 12, 2009
हम भोजपुरिया
बोली कर्कश बुझ, चाहे बात मिठरस
हमर गंवईपन पे मत दिह हँस
दिलवा के साफ बानी, हम भोजपुरिया |
हमर गंवईपन पे मत दिह हँस
दिलवा के साफ बानी, हम भोजपुरिया |
बात ना विशेष बा, स्नेह आ सनेश बा
हम हंई मलंग, ना कवनो कलेश बा
प्रेम बेहिसाब बांटीं, हम भोजपुरिया |
हम हंई मलंग, ना कवनो कलेश बा
प्रेम बेहिसाब बांटीं, हम भोजपुरिया |
गाँव के गंवार बुझीं भा शहर के सयाना
भेष भी भदेश बा, चाल बा पुराना
माटी से लगाव हमारा, हम भोजपुरिया |
भेष भी भदेश बा, चाल बा पुराना
माटी से लगाव हमारा, हम भोजपुरिया |
मोछ के हम पक्का, हथवे में प्राण राखीं
पक्का हम जुबान के अंजुरी में चान राखीं
कवनो मलाल नइखे, हम भोजपुरिया |
पक्का हम जुबान के अंजुरी में चान राखीं
कवनो मलाल नइखे, हम भोजपुरिया |
Subscribe to:
Posts (Atom)