Monday, September 28, 2015

मठाधीश सपनेहु सुख नाहीं




ए मठाधीश ! 
का मठाधीश !!? 
तुहूँ आ हमहूँ 
बानी जा भोजपुरिया 
उठवले रहीं झण्डा 
उखाड़ दीं जा किला 
हिला दीं जा संसद 
दिने दुपहरिया 

हाँ हाँ ... 
ठीके कहनी 
मठाधीश तक ले ठीक बा 
नेता बने में बुझाता 
हमरा डाउट

काहे !??? 

मठाधीश रहनी 
त चादर गुलदस्ता पईनी
नेता बनब त हो जाई 
ई कुल आउट

भाग मरदे !!! 

नेता बनके लोगन के 
बुरबक बनावल जायी 
लोगन के जगावे के नावें 
आन्ही-थोपी खेलावल जायी 
घुमल जायी गांवे- गाँव 
निमन चबूतरा पे लिहल 
जायी ठाँव 
बोले के मौका 
माइक पे मिली 
बड़का फरेम में फोटो खिंचाई 
मुखड़ा के चौखट खिली 
बुड़बकाही मत बतियाव !
मठाधीशी जिंदाबाद 
अब नेता बन के 
बात पगुराव

त ए मठाधीश ! 
का मठाधीश !!? 
तुहूँ आ हमहूँ 
बानी जा भोजपुरिया 
पहिराईं जा टोपी 
बजाईं जा फोंफी 
बांटी जा गेयान 
कि 
मेरा भारत महान !!!